Friday 25 March 2016

पग पग खाये हमने धोखे दुनिया में

दुख हमने साजन जीवन भर देखे है 
बनते  गिरते  हमने  तो  घर  देखे है 
पग पग  खाये हमने धोखे दुनिया में
मिलते जीवन में गम अक्सर देखे है 

रेखा जोशी 

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