Saturday 20 August 2016

अब करें पुष्प अर्पित विधा गीतिका

गीतिका
रस भरी भाव गुंजित विधा गीतिका। रस भरी गीत गुंजित विधा गीतिका
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साज़  बिखरा  रहे धुन सुरीली यहाँ 
तान यह छेड़ हर्षित विधा गीतिका
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शीश मंदिर झुका कर करें हम नमन 
अब  करें  पुष्प अर्पित विधा गीतिका
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हर्ष मन में भरे अंग  पुलकित ह्रदय 
दे खुशियाँ प्रफुल्लित विधा गीतिका
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सुर सुरीले बजें तार दिल के बजे 
गीत संगीत मोहित विधा गीतिका

रेखा जोशी 

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