Tuesday 26 June 2018

अस्त व्यस्त हुई है जिंदगी बिन तेरे


ढूँढ   रहे   लगा   तेरी   गलियों    के   फेरे
पड़   गये    छाले   अब   तो  पैरों   में  मेरे
आ भी जाओ तुम अब तो थक चुके हैं हम
अस्त   व्यस्त   हुई   है  जिंदगी   बिन   तेरे

रेखा जोशी

 

रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment