Tuesday 25 November 2014

हर घड़ी हर पल

है बदल रही
ज़िंदगी
हर घड़ी हर पल

मिला जो अब
शायद
न मिले कल हमे
ढल रही हर सुबह
शाम में
जी लें भरपूर
ज़िंदगी
हर घड़ी हर पल

यह वक्त
जो है हमारा
अब
कल रहे न रहे
नैनो  में भर लो
अपने
ज़िंदगी के खूबसूरत रंग
संजो ले
यह हसीन यादे
पलकों में अपनी
हर घड़ी हर पल

आनंद से भरपूर
यादों के प्याले से
 पीते रहें
जाम खुशियों  के
हर घड़ी हर पल

रेखा जोशी


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