Saturday 29 November 2014

जल है जीवन

आओ सखी नीर भर लें 
बरसा रहे तीरअग्नि के
सूरज देव के नैन  
बेहाल गर्मी से सब 
सूख रहे है कंठ 
प्यासी धरती 
प्यासे पंछी 
प्यासा है जन जन 
अमृत की बूँद बूँद से 
घट भर लें 
जल है जीवन 
संरक्षण 
इसका कर लें 
आओ सखी  नीर भर लें 

रेखा जोशी 

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