Thursday 19 April 2018

मेरी नन्हीं परी

मेरी नन्ही
प्यारी  गुड़िया
भोली सूरत मासूम चेहरा
आँखों में चमक लिए
निहारती रहती
वोह चेहरा मेरा
जिज्ञासा से भरे
उसके नयन
खोजते रहते
है न जाने क्या
मोह लेती  निश्छल हसी
जब मुस्कुराती वो नन्ही परी
नन्ही नन्ही
उँगलियों से जब
छूती प्यार से चेहरे को मेरे
भर देती  तन मन में मेरे
इक नई उमंग इक नई तरंग
कभी खींच लेती
आँचल मेरा
कभी सो जाती
काँधे पे मेरे 
इस जिंदगी की शाम में
उसने आगमन
किया नव भोर का

रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment