Friday 29 January 2021

अधूरी कहानी

अधूरी कहानी पर खामोश लबों का पहरा है

चोट रूह की है इसलिए दर्द ज़रा गहरा है

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खानी है अभी और चोट औ सहना है दर्द भी

किस को सुनायें हाल ए दिल हर कोई बहरा है

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चीख रही रूह हमारी लेकिन होंठ सिले हुए..

रुक रही अब साँस आँसू आंखों पर ठहरा है

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दर्द ही दर्द हैं जिंदगी में हर कोई बेखबर

खिले थे फूल चमन में बना अब तो यह सहरा है

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गुजर गई है जिंदगी आंसुओ से भीगी हुई

टूटा दिल हमारा बसा नैनों में इक चेहरा है

रेखा जोशी

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