अपना घर ,हमारा अपना प्यारा घरौंदा ,वह स्थान जो सिर्फ हमारा अपना है ,जहाँ हम आज़ाद है कुछ भी करने के लिए \यह वह स्थान है ,जो दर्शाता है हमारे रहन सहन को ,हमारे चरित्र को,जहाँ हम अपनी सारी इच्छाएं पूरी करना चाहते है \ हमारा अपना घर ही एक ऐसी जगह है जहाँ हम सिर्फ खुशियाँ ही खुशियाँ चाहते है ,शांति चाहते है जहाँ परिवार का हर सदस्य एक दूसरे के साथ प्यार मुहब्बत से रहे ,और चाहते है कि घर का हर सदस्य ख़ुशी ,शांति अनुभव करते हुए जिंदगी में सफलता की सीढीयाँ चड़ता जाये \अगर देखा जाये तो व्यवहारिक जिंदगी में ऐसा होता नहीं है ,लोग अपने ही घरों में उदास, परेशान और दुखी रह कर जीवन व्यतीत करते रहते है \कई बार तो लोगों को मुसीबत चारों ओर से घेर लेती है ,उन्हें तन, मन से पीड़ित होने के साथ साथ आर्थिक कष्टों से भी गुजरना पड़ता है \ यह सब देखते हुए अकसर,मन में यह विचार आता है कि कहीं यह भूमि दोष तो नहीं या उस ईमारत में ही कोई दोष तो नहीं\ वास्तु , सदियों पुराना विज्ञानं क्या इन सबका समाधान दे सकता है\क्या आज के वैज्ञानिक युग में ,वास्तु विज्ञानं की कसौटी पर खरा उतर सकता है \ऐसे अनेकों सवाल है ,जो तर्क की कसौटी पर सही नहीं उतर पा रहे \ क्या इस वैज्ञानिक युग में वास्तु का कोई महत्व है \ ऐसे कई क्षेत्र है जहाँ सदियों पुराना विज्ञानं ,आधुनिक विज्ञानं के साथ आश्चर्यजनक् रूप से एकरस हो रहा है \रंगों की दुनिया की ही बात करें तो इस में कोई दो राय नहीं ,कि रंगों का हमारे दिलोदिमाग पर आश्चर्यजनक रूप से असर पड़ता है \ लाल रंग को ही लें ,जो की ऊर्जा का प्रतीक है ,वास्तुशास्त्र के अनुसार दक्षिण पूर्व दिशा रसोईघर के लिए निर्धारित की गई है जिसे अग्निकोण भी कहा जाता है \इसी तरह हरे रंग के लिए पूर्व दिशा निर्धरित की गई है ,हरा रंग विकास का प्रतीक है इसलिए इस दिशा में बच्चों का कमरा निर्धारित किया गया है ,वह इसलिए क्यों कि बच्चों के शारीरिक ,बौद्धिक व् मानसिक विकास पर इस रंग का और इस दिशा का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है \पदार्थ विज्ञानं के अनुसार पूरी सृष्टि पञ्च तत्वों से बनी है ,अग्नि ,वायु जल, धरती और आकाश\हर तत्व का अपना एक रंग होता है ,अगर किसी इमारत सही दिशा में में पञ्च तत्वों के अनुसार रंगों का सही दिशा में चुनाव किया जाये तो उसमें रहने वाले सभी लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़े गा\ विज्ञानं के अनुसार हम जानते है की हर रंग किअपनी ही उर्जा होती है\अगर किसी स्थान पर रंगों को सही दिशा में नहीं रखा जाता तो रंगों से निकलने वाली तरंगे आपस में उलझ कर रह जाती है जिसके कारण वह उर्जा सहायक न हो कर विपरीत प्रभाव दे सकती है \इसलिए विभिन्न रंगों को अगर हम पञ्च तत्वों के अनुसार किसी भी इमारत में करवाय तो उस जगह पर ख़ुशी ,शांति और सम्पनता का वास रहे गा चाहे वह घर हो ,व्यवसायक यां उद्योग क्षेत्र हो|