Sunday 30 September 2018

Vastu tips

आपके घर का ब्र‍हम स्थान (Vastu tips)

आपके घर के केंद्रीय स्थान को ब्र‍हम स्थान कहते हैं
1.इस स्थान को खुला या यहाँ पर हल्का सामान रखना चाहिए ,भारी वस्तुएँ कदापि नहीं रखनी चाहिए l
2.यहां पर सीढ़ियों, बीम आदि का कदापि निर्माण नहीं करना चाहिए l
3.इसके नीचे बोरिंग या सेप्टिक टैंक नहीं होना चाहिए
4.इस स्‍थान पर रसोई घर नहीं होना चाहिए
5.इस स्‍थान पर पूजा कर सकते हैं

रेखा जोशी



Saturday 29 September 2018

भूख लगी है दादी अम्मा

दादी अम्मा दादी अम्मा
भूख लगी है दादी अम्मा
कुछ भी बना कर खिलाओ
.
झटपट मैगी बनाओ
स्माइली फ्रेंच फराइस खिलाओ
पेट में चूहे कूद रहे हैं
भूख शांत उनकी कराओ
भूख लगी है दादी अम्मा
कुछ भी बना कर खिलाओ
.
दादी की प्यारी प्यारी
छोटी छोटी नन्ही परियों.
अभी खिलाती हूँ तुमको
बना कर
हैल्दी स्वादिष्ट पौष्टिक व्यंजन
जंक फूड से दूर रहो
खूब खाओ सब्जियाँ फल
भोजन भर पेट करो
केला सेब आम खाओ
पेट के चूहों को दूर भगाओ
अपनी अच्छी सेहत बनाओ
.
दादी अम्मा दादी अम्मा
भूख लगी है दादी अम्मा
कुछ भी बना कर खिलाओ

रेखा जोशी

Friday 28 September 2018

गाँव की सोंधी महक


गाँव से दूर शहर तक का यह सफर
ऊँची  इमारतों  का   बना  है  नगर
छूट  गई  गाँव की  सोंधी सी महक
प्रदूषित हवा में  है  घुला यहाँ ज़हर

रेखा जोशी

Thursday 27 September 2018

पिरोए  मोती प्यार के धागे

पिरोए  मोती प्यार के धागे
दिल में मुहब्बत प्रीत  है जागे
याद रहे  ये जश्न ए अल्फाज़
रहे पर्पल  पेन  सबसे  आगे

Monday 24 September 2018

संस्मरण


संस्मरण

बात लगभग बीस वर्ष पहले की है,जून का महीना था और चिलचिलाती धूप, ऐसे में घर से बाहर निकलना मुश्किल सा हो गया था l एक दिन,भरी दोपहर के समय मै  अपनी पड़ोसन के घर गई और उनके यहाँ मैने एक छोटा सा  सुसज्जित  पुस्तकालय देखा,जिसमे करीने से रखी हुई अनेक पुस्तकें थी   |उस अमूल्य निधि को देखते ही मेरे तन मन में प्रसन्नता की एक लहर दौड़ने लगी ,''आंटी आपके पास तो बहुत सी पुस्तके है ,क्या आपने यह सारी पढ़ रखी है,''मेरे  पूछने पर उन्होंने कहा,''नही बेटा ,मुझे पढने का शौंक है ,जहां से भी मुझे कोई अच्छी पुस्तक मिलती है मै खरीद लेती हूँ और जब भी मुझे समय मिलता है ,मै उसे पढ़ लेती हूँ ,पुस्तके पढने की तो कोई उम्र नही होती न ,दिल भी लगा रहता है और कुछ न कुछ नया सीखने को भी मिलता  हैl
मुझे महात्मा गांधी की  लिखी पंक्तियाँ याद आ गयी ,'' अच्छी पुस्तके मन के लिए साबुन का काम करती है ,''हमारा आचरण तो शुद्ध होता ही है ,हमारे चरित्र का भी निर्माण होने लगता है ,कोरा उपदेश या प्रवचन किसी को इतना प्रभावित नही कर पाते जितना अध्ययन या मनन करने से हम प्रभावित होते है l तब से मैं अपनी पड़ोसन आंटी जी के घर के प्रकाश पुँज रूपी पुस्तकालय  में से हर रोज पुस्तक रूपी अनमोल रत्न अपने घर लेकर आने लगी और  लम्बी दोपहर में उन्हे पढ़ना शुरू कर दिया, पुस्तकें पढ़ने की आदत तब से आज तक  बरकरार है l

रेखा जोशी

Wednesday 19 September 2018

छुप गया न जाने कहाँ


छुप गया
न जाने कहाँ
वोह
भोला सा बचपन
ईंटों और पत्थरों में
खो गया कहीं
पढ़ने लिखने की उम्र में
श्रम का बोझ
क्यों आन पड़ा
नन्हें नन्हें हाथों पर
हथोड़े की  ठक ठक से
है टूट गई जिंदगी
सुकोमल हाथों पर
पड़ गये अनगिनत छाले
गरीबी और लाचारी के मारे
यूँ ही अपना जीवन बिताते
यूँ ही अपना जीवन बिताते

रेखा जोशी

जब से छूटा बाबुल का अंगना मिला न कोई अपना


जलता रहा चूल्हा
सुलगती रही
लकड़ियाँ
पीर हिया की मेरे
कोई न जाने
जब से
छूटा बाबुल का अंगना
मिला न कोई अपना

धुआँ धुआँ चहुं ओर
घूँघट की आढ़ में
दिखा न किसी को
आँखों से बहता पानी
बाते रही
हृदय में अपनी
जब से
छूटा बाबुल का अंगना
मिला न कोई अपना

भीतर
जले अंगार
सिक रही रोटियाँ
जाया ने जना
किसलिए मुझे
बापू की लाडली का
बचपन खोया
जब से
छूटा बाबुल का अंगना
मिला न कोई अपना

रेखा जोशी

Friday 14 September 2018

हिंदी हमारी शान


कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान
.
समेटे स्वयं में ज्ञान
प्रेमचंद की कहानि‍यां
महाकवि निराला जी की
निराली रचनाएँ
है मंत्र मुग्ध कर देती
जयशंकर प्रसाद जी की
अनुपम रचनाएँ कविताएँ
किस किस का नाम लिखूँ
अनमोल रतन है सारे

कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान

सहज सरल भाषा यह
अनुपम अलंकृत शब्द इसके
सीधे  उतरते  जो दिल में हमारे
है सुन्दर अप्रतिम
यह मातृभाषा हमारी
है हमारा स्वाभिमान

कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान

महादेवी वर्मा, पंत, दिनकर
है सभी जगमगाते सितारे
वंदन अभिनंदन करते हम
चमकेंगे  युगों युगों तक
ज्यूँ अंबर में चंदा तारे
राष्ट्र भाषा का कब
मिलेगा इसे मान सम्मान

कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान

रेखा जोशी

माँ  भारती


पूजा की थाली  से करें आरती
तेरी  रक्षा के लिए  माँ  भारती
...
चलते चलें आगे आगे  हम सदा
दुश्मन से नहीं  डरते  माँ भारती
..
रुकें नहीं बढ़ते हुए कदम अपने
वार  देंगे   सर  तुझपे माँ भारती
..
वीर  सेनानी है खड़े सीमा पर
सर्दी  गर्मी  झेलते  माँ  भारती
...
परवाह नहीं अंजाम की हम करें
वतन के लिए मर मिटे माँ भारती

रेखा जोशी

Thursday 13 September 2018

हिंदी दिवस


सभी  मित्रजनों को हिन्दी दिवस की ढेर सारी बधाईयां

जान अपनी
पहचान अपनी
है हिंदी भाषा
.................
खाते कसम
हिंदी दिवस पर
है अपनाना
.................
हिंदी हमारी
मिले सम्मान इसे
है मातृ भाषा
.................
शान यह है
भारत हमारे की
राष्ट्र की भाषा
.................
मित्र जनों को
हिंदी दिवस पर
मेरी बधाई

रेखा जोशी