कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान
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समेटे स्वयं में ज्ञान
प्रेमचंद की कहानियां
महाकवि निराला जी की
निराली रचनाएँ
है मंत्र मुग्ध कर देती
जयशंकर प्रसाद जी की
अनुपम रचनाएँ कविताएँ
किस किस का नाम लिखूँ
अनमोल रतन है सारे
कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान
सहज सरल भाषा यह
अनुपम अलंकृत शब्द इसके
सीधे उतरते जो दिल में हमारे
है सुन्दर अप्रतिम
यह मातृभाषा हमारी
है हमारा स्वाभिमान
कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान
महादेवी वर्मा, पंत, दिनकर
है सभी जगमगाते सितारे
वंदन अभिनंदन करते हम
चमकेंगे युगों युगों तक
ज्यूँ अंबर में चंदा तारे
राष्ट्र भाषा का कब
मिलेगा इसे मान सम्मान
कैसे करूँ यशगान
हिंदी हमारी शान
रेखा जोशी
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