Friday, 28 September 2018

गाँव की सोंधी महक


गाँव से दूर शहर तक का यह सफर
ऊँची  इमारतों  का   बना  है  नगर
छूट  गई  गाँव की  सोंधी सी महक
प्रदूषित हवा में  है  घुला यहाँ ज़हर

रेखा जोशी

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