लम्हा लम्हा कट रही है जिंदगी कुछ ऐसे
न कोई तमन्ना जीने की रही हो जैसे
..
रूठी सभी चाहते जीने की आस नहीं
जी कर भी क्या करें अपने ही पास नहीं
.
लगता था जो हमें दुनिया में सबसे प्यारा
तोड़ कर दिल चला गया वोह ही हमारा
..
साज सूने गीत सूना सूनी है सरगम
आंसू अविरल बह रहे हर ओर ग़म ही ग़म
..
रह गए हम तो अकेले दुनिया की भीड़ में
जो किया शायद अच्छा ही किया तकदीर ने
रेखा जोशी