Thursday, 21 December 2023

है गुलज़ार बगिया

खिली  बगिया मेरी यहाँ महकते फूल
लाल  पीले  सफ़ेद  कुछ  रंगीले फूल
छाई अद्धभुत छटा है गुलज़ार बगिया
लहलहाते    उपवन   रंग  बिरंगे फूल

रेखा जोशी 

Friday, 15 December 2023

लम्हा लम्हा

लम्हा लम्हा कट रही है जिंदगी कुछ ऐसे

न कोई तमन्ना जीने की रही हो जैसे

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रूठी सभी चाहते जीने की आस नहीं

जी कर भी क्या करें अपने ही पास नहीं

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लगता था जो हमें दुनिया में सबसे प्यारा

तोड़ कर दिल चला गया वोह ही हमारा

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साज सूने गीत सूना सूनी है सरगम

आंसू अविरल बह रहे हर ओर ग़म ही ग़म

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रह गए हम तो अकेले दुनिया की भीड़ में

जो किया शायद अच्छा ही किया तकदीर ने

रेखा जोशी