Thursday 29 August 2024

अभिमान नहीं स्वाभिमान है मेरा


छंदमुक्त रचना 

बहुत प्यार है देश अपने से 
मान नहीं ईमान है मेरा 
बसती भारत में अपनी जान है 
अभिमान नहीं स्वाभिमान है मेरा 
..
सदियों पुरानी संस्कृति हमारी 
ऋषि मुनियों की पावन भूमि 
भरा ज्ञान का यहाँ भंडार है 
बसती भारत में अपनी जान है 
अभिमान नहीं स्वाभिमान है मेरा 
..
राम कृष्ण की धरती हमारी 
गुरुओं की गूंजे अमृतबानी 
देश धर्म की खातिर 
कटा शीश रखा देश का मान है
बसती भारत में अपनी जान है 
अभिमान नहीं स्वाभिमान है मेरा 

रेखा जोशी