Wednesday, 22 January 2025

उनकी यादों से कहो


बहार आई मेरे उपवन , फूल खिलाते रहिए 
उनकी यादों से कहो ह्रदय,को महकाते रहिए
..
साथ तेरा जो मिला हमको,पा लिया जहां हमनें 
गम नहीं कोई सजन हमको, यूँहि बुलाते रहिए
.
साज़ बजने लगेअब दिल के,आप आए हो यहाँ 
चाँद की चाँदनी में साजन, यूँहि नहाते रहिए 
..
यूँहि चलते रहे दोनों अब , लेकर हाथ में हाथ
साथ छूटे न कभी अपना , कदम मिलाते रहिए 
..
खुशियाँ घर बरसी अपने,अब रोशन है दुनिया
जगमगाये घर अँगना दीप ,यूँहि जलाते रहिए

रेखा जोशी