Saturday 14 February 2015

हम होंगे कामयाब


क्या हुआ अगर ऊपर छत नही है ,टूटा फूटा खंडहर हुआ तो क्या हुआ ,जब अखबार  बेचने वाला देश का राष्ट्रपति बन सकता है ,एक चाय वाला प्रधानमंत्री पद पर आसीत हो  सकता है तो हम क्यों नही कामयाब हो सकते ।   अगर मन में हो विश्वास तो इस  खंडहर में भी हम शिक्षा ग्रहण कर कामयाब हो सकते है ,बस कुछ कर गुज़रने की इच्छा होनी चाहिए । हम होंगे कामयाब एक दिन ।

रेखा जोशी 

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