1222 1222
कभी तो गुनगुनाओ तुम
कभी तो मुस्कुराओ तुम
.
रहो गुमसुम न तुम हरदम
पिया अब गीत गाओ तुम
.
नहीं अब ज़िंदगी तन्हा
हमारे पास आओ तुम
.
खिली उपवन कली साजन
उसे अपना बनाओ तुम
.
हमारी ज़िंदगी तुमसे
इसे प्रियतम सजाओ तुम
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment