Monday, 29 October 2018

कभी तो मुस्कुराओ  तुम

1222 1222

कभी तो गुनगुनाओ तुम
कभी तो मुस्कुराओ  तुम
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रहो गुमसुम न तुम हरदम
पिया अब गीत गाओ तुम
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नहीं  अब  ज़िंदगी   तन्हा
हमारे  पास  आओ   तुम
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खिली उपवन कली साजन
उसे  अपना  बनाओ   तुम
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हमारी    ज़िंदगी    तुमसे
इसे प्रियतम सजाओ तुम

रेखा जोशी

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