Thursday, 27 June 2019

जब से हुई है तुमसे आँखें चार

जब से हुई है तुमसे आँखें चार
जग उठे हैं दिल में अरमान हजार
..
ख्यालों  में रहते हमारे सदा तुम
करने लगे तुमसे प्यार हम अपार
...
दिल में मेरे जब से आए हो तुम
आँखे बंद कर  निहारें बार  बार
...
जाओ गे दूर हमसे जब कभी तुम
ज़िंदगी भर करेंगे हम इंतजार
..
तुम ही तुम हो  जिंदगी में हमारी
है  तुमसे  ही अब  हमारा संसार

रेखा जोशी

Sunday, 23 June 2019

जीवन में आ जाती बहार

जीवन में
आ जाती बहार
जो तुम आ जाते एक बार
..
सूना सूना अंगना
बिन तेरे सुन प्रियतम मेरे
रूठ गया जैसे सारा संसार
जो तुम आ जाते एक बार
..
लोचन व्याकुल
राह निहार रहे तेरी
हर आहट पर
पागल नैना ढूँढे तुम्हें
तरस रहे तेरा दीदार
जो तुम आ जाते एक बार
..
भोर हुई
न आए तुम
समाये रहे नैनों में तुम
रही बदलती करवटें
करती रही
रात बस तेरा इंतज़ार
जो तुम आ जाते एक बार

रेखा जोशी

जीवन में आ जाती बहार

जीवन में
आ जाती बहार
जो तुम आ जाते एक बार
..
सूना सूना अंगना
बिन तेरे सुन प्रियतम मेरे
रूठ गया जैसे सारा संसार
जो तुम आ जाते एक बार
..
लोचन व्याकुल
राह निहार रहे तेरी
हर आहट पर
पागल नैना ढूँढे तुम्हें
तरस रहे तेरा दीदार
जो तुम आ जाते एक बार
..
भोर हुई
न आए तुम
समाये रहे नैनों में तुम
रही बदलती करवटें
करती रही
रात बस तेरा इंतज़ार
जो तुम आ जाते एक बार

रेखा जोशी

Sunday, 9 June 2019

हार या जीत

ज़िंदगी के दो पहलू
जीत या हार पर
इसके बीच भी लेती
है साँस ज़िंदगी
कुछ सफलता
या कुछ असफलता लिए
न कर गम असफलता का
सीढ़ी है यह
जो दिखाती राह
सफलता की
होती है खत्म
जो जा कर जीत पर

रेखा जोशी