जब से हुई है तुमसे आँखें चार
जग उठे हैं दिल में अरमान हजार
..
ख्यालों में रहते हमारे सदा तुम
करने लगे तुमसे प्यार हम अपार
...
दिल में मेरे जब से आए हो तुम
आँखे बंद कर निहारें बार बार
...
जाओ गे दूर हमसे जब कभी तुम
ज़िंदगी भर करेंगे हम इंतजार
..
तुम ही तुम हो जिंदगी में हमारी
है तुमसे ही अब हमारा संसार
रेखा जोशी
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (30 -06-2019) को "पीड़ा का अर्थशास्त्र" (चर्चा अंक- 3382) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
....
अनीता सैनी
हार्दिक धन्यवाद अनीता जी 🙏
Deleteउम्दा /बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद
DeleteThanks
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आपका Onkar जी
DeleteBahut hi pyari kavita. Mann prasann ho gaya.
ReplyDeleteShayad ye bhi aapko pasand aayen- Dryland farming in India , Objectives of organic farming in India
धन्यवाद आपका
Deleteख्यालों में रहते हमारे सदा तुम
ReplyDeleteकरने लगे तुमसे प्यार हम अपार
manbhavook line thanks
You may like - How Ezoic Can Help You to Increase Your AdSense Ad Revenue?
धन्यवाद आपका
Delete