अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझा जाए तो हमारी नींद की विभिन्न अवस्थाएं होती है और विभिन्न अवस्थाओं के समय दिमाग में उत्पन्न हो रही तरंगों की आवृत्ति को नापा जा सकता हैl जब हम सो रहे होते हैं तब आवृति कम हो जाती है और सुप्त अवस्था में किसी खास आवृत्ति पर हमें सपने दिखाई देते हैं l सुप्त अवस्था में हमारा अवचेतन मन जागृत होता है, यहां पर मैं एक सत्य घटना का उल्लेख करना चाहूँ गी l
एक औरत को उसका पति बहुत परेशान करता था, वह हर रोज़ शराब पी कर उसे मारता था और वह अबला नारी उस समय तो कुछ कर नहीं पाती थी लेकिन उसके भीतर क्रोध का ज्वालामुखी सुलगता रहता था l जब वह व्यक्ति सो जाता था तो वह औरत हर रोज़ उसके कान में बुदबुदाने लगती थी कि वह शराब के नशे में सड़क पर चल रहा है और सामने से ट्रक ने आ कर उसे टक्कर मार कर उसकी जान ले ली l न जाने कितने दिन यह क्रम यूँही चलता रहा और वह औरत उस व्यक्ति के कान में वही शब्द बार बार दोहराती रहीl उस औरत ने अनजाने में ही उस व्यक्ति के अवचेतन मन को आदेश दे कर उस घटना के अंजाम तक पहुंचा दिया, एक दिन सच में बिलकुल वैसा ही हुआ जैसा वह औरत अपने पति के कान में कहा करती थी, वह व्यक्ति शराब के नशे में सड़क पर जा रहा था और एक ट्रक ने उसे मार गिराया और उस व्यक्ति की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई l इस घटना के बाद उस औरत को बहुत पछतावा हुआ और उसकी मौत का कारण स्वयं को समझने लगी l दरअसल उस महिला ने अपने पति के अवचेतन मन का वशीकरण कर उसे आदेश दे कर उस दुर्घटना को अंजाम दे दिया था l
रेखा जोशी