विद्यार्थी जीव्न और सच्चाई
विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवनकाल का सुनहरा समय होता है जिसमे वह ज्ञान प्राप्ति के साथ साथ अपने चरित्र का भी निर्माण करता है।विद्यार्थी जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन आलस है,इस समय उसे आलस्य त्याग कर मानसिक एवं शारीरिक परिश्रम करना चाहिए . परिश्रमशील छात्र का जीवन ही सदा सुखमय रहता है । विधार्थियों को इस समय में पूर्ण अनुशासित होकर अपने गुरुओं का आदर कर अपने जीवन को आदर्श जीवन बनाना चाहिए।
इस समय शिक्षकों और अभिभावकों का भी कर्तव्य है कि वह भावी पीढ़ी का चरित्र निर्माण कर उन्हें सच्चाई के मार्ग पर चलना सिखाये ,भले ही इस राह पर चलने के उन्हें कई कठिनाईयो का सामना करना पड़ सकता है ,लेकिन अंत में जीत सच्चाई की ही होती है ।एक सच्चा व्यक्ति जीवन में सदा नैतिकता की राह पर चलेगा और सब बुराईयों से दूर रहेगा ।सच्चाई के मार्ग पर चलने वाला विद्यार्थी सदा समाज और देश के हित के बारे में ही सोचेगा और वैसा ही कर्म भी करेगा देश के उत्थान की नींव विद्यार्थी जीवन में ही पड जाती है क्योकि आज का विद्यार्थी ही कल को देश का कर्णधार होगा ।
रेखा जोशी
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