सूरज की पहली किरण
देती दिलासा उम्मीद का
धीरे धीरे ढल जाती
खूबसूरत भोर सुनहरी शाम में
सुबह शाम से बँधी
यूँही चलती रहती यह जिंदगी
वर्ष दर वर्ष जाते बीत
लो फिर आया
शोर मचाता नववर्ष
हर्षोल्लास लाया नववर्ष
बीत गया इस जीवन चक्र में
एक और वर्ष
देकर कुछ खुशियाँ और ग़म
यही तो है ज़िंदगी रहती फिसलती
हम सबके हाथों से
करते अब अलविदा बीते वर्ष को
करें अभिनंदन नव भोर का
लो फिर आया
शोर मचाता नववर्ष
हर्षोल्लास लाया नववर्ष
देखो
बाहें फैलाये आगे खड़ा नववर्ष
उम्मीद और आस जगाता
नव स्वप्न दिखाता
आओ मिल करें स्वागत इसका
गीत खुशी के गायें और उत्सव मनाएँ
लो फिर आया
शोर मचाता नववर्ष
हर्षोल्लास लाया नव वर्ष
रेखा जोशी