Saturday, 17 December 2022

नारी तो केवल है श्रद्धा

नारी तो केवल है श्रद्धा 

नारी शक्ति है शिव की 
प्रेरणा है पुरुष की 
अधूरे है दोनों इक दूजे के बिना 
फिर भी होती समाज में नारी ही सदा
अपमानित पड़ताड़ित और तिरस्कृत 
माँ बेटी बहन, बन पत्नी सदा 
संवारती जीवन पुरूष का
न जाने क्यों टकराता 
अहम उसका नारी से 
समझ पाता काश यह पुरुषों का समाज 
नारी तो केवल है श्रद्धा 
और मूरत त्याग की 
निछावर  कर देतीअपना सारा जीवन 
अपने परिवार  पर 

रेखा जोशी

2 comments:

  1. बहुत ही सुंदर रचना

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