अपने प्यार की तुम
सदा करते हो
हम पर बरसात
कैसे समझ जाते हो तुम
हमारी खामोश
पुकार को
नहीं कहते जो
अपनी जुबां से हम
पूरी कर देते हो तुम
हे मेरे प्रभु
हाँ मौन का रिश्ता
है तेरे मेरे बीच
एक अटूट बंधन
मेरे हिय को
भर देते हो प्रेम से
बस मै और तुम
दोनों खामोश
लेकिन
होती है अनगिनत बाते
हम दोनों के बीच
अच्छी लगती है
वह खामोशी
जब होते हो तुम
पास मेरे
और
घंटों करते है हम
खामोश रहते हुए
बातें
इक दूजे से
रेखा जोशी