Sunday, 23 July 2023

ज़िंदगी को मुस्कुराना आ गया....

आप को वादा निभाना आ गया 
ज़िंदगी को मुस्कुराना आ गया
.... 
गीत गाते यह नज़ारे आज तो 
अब हमें भी गुनगुनाना आ गया 
..... 
यह बहारे यह समय ठंडी हवा 
आज दिल को खिलखिलाना आ गया 
.... 
चाँद उतरा अब हमारे अंगना 
रोशनी को झिलमिलाना आ गया 
.... 
रूठ कर साजन न तुम जाना कहीं 
प्यार में हम को मनाना आ गया 

रेखा जोशी

Saturday, 8 July 2023

चिर प्यास मेरी

ख़्वाबों के महल में
करना चाहती कैद
धूप को
जगमगा उठे वहाँ 
कोना कोना
रोशन हो जायें दीवारे वहाँ
इन्द्रधनुष के रंगों से
खिलखिलाये जहाँ
महकती खुशियाँ
हूँ जानती सजे गा इक दिन
मेरा सपनो का महल
और बुझे गी इक दिन
चिर प्यास मेरी
नहीं ओस की बूँदों से
भर जाये गा तब
मेरे अंतर्मन का
घट अमृत की
बूँद बूँद से

रेखा जोशी

बढ़ता चल निरंतरपूर्णता की ओर

आये कहाँ से
हम
इस दुनिया में
जाएँ गे कहाँ
हम
नही जानते
क्या है मकसद
इस जीवन का
खाना पीना और सोना
याँ
पोषण परिवार का
करते यह तो पशु पक्षी भी
ध्येय मानव का
है कुछ और
जगत में आया
उत्थान कर अपना
कुछ कर कर्म ऐसा
और
बढ़ता चल निरंतर
पूर्णता की ओर
रेखा जोशी