Monday, 27 May 2024

बहुत करीब से देखा है तुम्हेंजिंदगी

बहुत करीब से देखा है तुम्हें

जिंदगी

बच्चों के पेट की खातिर

देखा है माँ को मजबूर होते हुए

न चाहते हुए भी बिक जाती वो

बहुत करीब से देखा है तुम्हें

जिंदगी

..

देखा है नन्हें नन्हें हाथों को

पुस्तकों की जगह

ढो रहे बोझ अपने घर का

किसी को हँसाती और किसी को

रुलाती

किसी के हिस्से बांटे खुशिया

किसी के नसीब में ग़मों का साया

बहुत करीब से देखा है तुम्हें

जिंदगी

Tuesday, 21 May 2024

तेरे मेरे प्यार में कुछ तो कमी थी

गीत 

टूट गए दिल अपने आँख में नमी थी 
तेरे  मेरे  प्यार  में  कुछ  तो कमी थी
..
चाहा हमें तुमने , हमने भी चाहा 
प्यार  तेरे  को था हमने  सराहा 
तुम  आसमान  थे और मैं ज़मीं  थी 
तेरे  मेरे  प्यार  में  कुछ तो कमी थी
..
चली  तेरे  पीछे  तुम  रहे  आगे
लाचार हुए हैं तकदीर के आगे 
न जाने क्यों अपनी किस्मत थमी थी 
तेरे   मेरे  प्यार  में  कुछ  तो कमी थी
..
टूट गए दिल अपने आँख में नमी थी 
तेरे  मेरे  प्यार  में  कुछ  तो कमी थी

रेखा जोशी 



Monday, 6 May 2024

कुछ हसीन पल

 भर देते असीम खुशियाँ अंतस में 
अक्सर यादों के वोह खूबसूरत लम्हें 
मत खोना उन्हें 
संभाल के रखा कीजिए 
बहुत अनमोल होते हैँ जीवन के 
वोह कुछ हसीन पल 
..
बचपन की हसीन यादें 
गुदगुदा देती हैँ तन मन को 
वोह सखियों सहेलियों से 
लड़ना झगड़ना फिर मान जाना 
वोह  छोटी छोटी सी बातों पर 
हंसना खिलखिलाना 
मत खोना उन्हें 
संभाल के रखा कीजिए 
बहुत अनमोल होते हैँ जीवन के 
वोह कुछ हसीन पल 

रेखा जोशी 

Saturday, 4 May 2024

अब तो अंधेरा भी छाने लगा है

छंदमुक्त रचना 

तुम तो न आए पिया 
तेरे इंतज़ार में 
खोई रही मैं यादों में तेरी 
सुबह से लेकर अब शाम हो गई 
घर आजा सजन प्रीत मैंने निभाई 
दीपक प्यार का भी बुझने लगा है 
अब तो अंधेरा भी छाने लगा है 

गगन की लालिमा दे रही दुहाई
दिख रही मुझसे 
दूर होती मेरी ही परछाई 
डूब रहा सूरज ढल रही शाम 
क्षतिज का सूरज भी जाने लगा है
आ भी जाओ सजन 
अब तो अंधेरा भी छाने लगा है  

रेखा जोशी