Saturday, 1 February 2020
उड़ें गी उमंगे छू लेंगी आसमान
उड़ायें गे पतंग लिये हाथ में डोर
मुस्कुराया बसन्त गली गली में शोर
उड़ें गी उमंगे छू लेंगी आसमान
लहरायें गगन में बंधन सारे तोड़
रेखा जोशी
2 comments:
Rohitas Ghorela
1 February 2020 at 18:20
शानदार अभिव्यक्ति।
नई पोस्ट पर आपका स्वागत है-
लोकतंत्र
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Rekha Joshi
2 February 2020 at 06:17
हार्दिक आभार 🙏 🙏
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शानदार अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteनई पोस्ट पर आपका स्वागत है- लोकतंत्र
हार्दिक आभार 🙏 🙏
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