Monday, 8 February 2021
ज्योति प्रेम की
जला कर ज्योति प्रेम की पार हुए भव सागर से
तर गए संत फकीर छलकाए प्रेमरस गागर से
प्रेम पूजा प्रेम शिव सबसे प्रेम कर ले तू
बरसा अमृत की बूँदे अथाह प्रेम सागर से
रेखा जोशी
1 comment:
Onkar
11 February 2021 at 18:25
बहुत सुन्दर
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बहुत सुन्दर
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