टेढ़े मेढ़े रास्ते, जीवन डगर
पथरीली राहों पर
जीवन सफ़र मुश्किल
कैसे चलें हम
सम्भल के रखना पांव
जिंदगी की राहें आसान नहीं होती
…
खुशी नहीं गम भी चलें संग संग
जीत नहीं, मिलती हार की ठोकरें भी
हो जाते हैं अपने भी पराये कभी
आंसुओं की होती है यहाँ बरसात भी
कंटीली राहों पर
फूलों की बरसात नहीं होती
जिंदगी की राहें आसान नहीं होती
रेखा जोशी
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार १८ मार्च २०२१ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
ज़िन्दगी कि राहें आसान होतीं तो बात ही क्या थी .... हर कदम संभालना पड़ता है ... सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteखुशी नहीं गम भी चलें संग संग
ReplyDeleteजीत नहीं, मिलती हार की ठोकरें भी
हो जाते हैं अपने भी पराये कभी
आंसुओं की होती है यहाँ बरसात भी
बहुत सटीक...सुन्दर एवं सार्थक सृजन।
वाकई जीवन की राहें आसान नहीं होती
ReplyDeleteसटीक और सच को उजागर करती सुंदर रचना
बधाई
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
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