Friday, 26 November 2021

हो रहा है जो उसे होने दो

माना कि
है संघर्षरत ज़िन्दगी यहाँ
मिलते हैं गम तो मिलने दो
हो रहा है जो होने दो
,,
सुख दुख से भरी है जिंदगी
हर वक्त इम्तिहान लेती है ज़िन्दगी
सुलझा लो
गर न सुलझे कभी तुमसे
प्रार्थना करो और उसे
ऊपरवाले पर छोड़ दो
हो रहा है जो उसे होने दो
,,
जीत मिलती कभी
मिलती है हार यहाँ
है जीवन हमारा धूप छांव यहाँ
लम्हा लम्हा हाथों से 
गर फिसल रही हो जिंदगी
तो फिसल जाने दो
हो रहा है जो उसे होने दो
,,
जीवन इक खेला
है यहाँ दो दिन का मेला 
मिलती हैं खुशियाँ यहाँ
सन्नाटा मौत का भी है यहाँ
गर बहते हैं आँसू तो बहने दो
हो रहा है जो उसे होने दो
,,
न ग़म कर यहाँ
पुष्पित ज़िन्दगी भी महकती यहाँ
मुस्कुराहट चेहरे पर भी आने दो
हो रहा है जो उसे होने दो


रेखा जोशी



4 comments:

  1. सुन्दर रचना

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  2. धन्यवाद Onkar जी

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  3. जीत मिलती कभी
    मिलती है हार यहाँ
    है जीवन हमारा धूप छांव यहाँ
    लम्हा लम्हा हाथों से
    गर फिसल रही हो जिंदगी
    तो फिसल जाने दो
    हो रहा है जो उसे होने दो
    बेहतरीन प्रस्तुति🙏

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