माना कि
है संघर्षरत ज़िन्दगी यहाँ
मिलते हैं गम तो मिलने दो
हो रहा है जो होने दो
,,
सुख दुख से भरी है जिंदगी
हर वक्त इम्तिहान लेती है ज़िन्दगी
सुलझा लो
गर न सुलझे कभी तुमसे
प्रार्थना करो और उसे
ऊपरवाले पर छोड़ दो
हो रहा है जो उसे होने दो
,,
जीत मिलती कभी
मिलती है हार यहाँ
है जीवन हमारा धूप छांव यहाँ
लम्हा लम्हा हाथों से
गर फिसल रही हो जिंदगी
तो फिसल जाने दो
हो रहा है जो उसे होने दो
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जीवन इक खेला
है यहाँ दो दिन का मेला
मिलती हैं खुशियाँ यहाँ
सन्नाटा मौत का भी है यहाँ
गर बहते हैं आँसू तो बहने दो
हो रहा है जो उसे होने दो
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न ग़म कर यहाँ
पुष्पित ज़िन्दगी भी महकती यहाँ
मुस्कुराहट चेहरे पर भी आने दो
हो रहा है जो उसे होने दो
रेखा जोशी
सुन्दर रचना
ReplyDeleteधन्यवाद Onkar जी
ReplyDeleteजीत मिलती कभी
ReplyDeleteमिलती है हार यहाँ
है जीवन हमारा धूप छांव यहाँ
लम्हा लम्हा हाथों से
गर फिसल रही हो जिंदगी
तो फिसल जाने दो
हो रहा है जो उसे होने दो
बेहतरीन प्रस्तुति🙏
आभार आपका
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