दिन प्रतिदिन
जिंदगी खर्च होती रही वक्त, बेवक्त,पल पल
कल आज और कल में
खर्च करते रहे जिंदगी के लम्हें
जिंदगी खर्च होती रही मायूसियों में कभी नाकामियों में
भूल जाते हैं जीना अक्सर जिंदगी हम
जीवन की आपाधापी में
रुकता नहीं वक्त जिंदगी की राहों में
छोटी सी जिंदगी के हर लम्हें को
खर्च करो दिल खोल कर जीवन में
कभी महका लो हर लम्हा खुशनुमा जिंदगी का
बिखेर कर फूल जीवन की राहों पर
कभी कहीं फैला दो उजियारा दीपक बन
रोशन कर आँगन किसी का
रोशन कर आँगन किसी का
रेखा जोशी
जिंदगी की हकीकत बयां करती सुंदर रचना
ReplyDeleteसादर आभार Anita जी
Deleteवाह!खूबसूरत रचना
ReplyDeleteसादर आभार Onkar जी
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