Monday, 28 August 2023

क्षणिकाएँ

क्षणिकाएँ 
ओ पंछी छोड़ पिंजरा 
भर ले उड़ान 
नील गगन में 
सांस ले तू
उन्मुक्त खुली हवा में 
तोड़ बंधन 
फैला कर पँख 
ज़मीं से अम्बर 
छू लेना तुम 
अनछुई ऊँचाईयाँ
………………
बहता पानी नदिया का 
चलना नाम जीवन का 
बहता चल धारा संग 
तुम में रवानी
है हवा सी 
खिल उठें वन उपवन 
महकने लगी बगिया 
रुकना नही चलता चल 
................ 
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खिलती है 
कलियाँ 
महकती है 
बगिया 
बिखरती रहे 
महक 
दोस्ती की 
बनी रहे दोस्ती 
हमारी सदा 
रेखा जोशी

Wednesday, 9 August 2023

ज़िन्दगी गुज़र गई

देखते ही देखते 
ज़िन्दगी गुज़र गई
वही  है धरती
आसमां भी वही
वक्त के साथ
तस्वीर अपनी बदल गई
कभी-कभी 
देखते हैं मुड़ के पीछे 
क्या खोया क्या पाया 
ज़िन्दगी में हमने 
दिखाई देती है कुछ 
धुंधली सी परछाइयाँ 
याद आते ही 
आँखे नम हो गई 
था सुहाना बचपन 
बेफिक्र मौज मस्ती का आलम 
कब आई जवानी कब बीता बचपन 
हवा के झोंके सी उम्र निकल गई 
देखते ही देखते 
ज़िन्दगी गुज़र गई 

रेखा जोशी

Wednesday, 2 August 2023

दोहे, भारत रहा पुकार

 रेखा जोशी

उठो सपूतों देश के , भारत रहा पुकार ।

भारत पर तुम मर मिटो ,हो जाओ तैयार ॥

आन बान पर देश की ,लाखों हुये शहीद ।

सीमा पर उत्सव मने ,क्या होली क्या ईद ॥

भारत सीमा पर खड़े ,तन कर वीर जवान ।

आँच न आए देश पे ,हो जायें कुरबान ॥

हमारी जन्म भूमि की ,माटी है अनमोल ।

लगाएँ माटी से तिलक नाही इसका मोल ॥

पावन सबसे भूमि ये, झुका रहे हैं शीश l

रक्षा सदा इसकी करें, प्रभु देना आशीष ll