उठो सपूतों देश के , भारत रहा पुकार ।
भारत पर तुम मर मिटो ,हो जाओ तैयार ॥
आन बान पर देश की ,लाखों हुये शहीद ।
सीमा पर उत्सव मने ,क्या होली क्या ईद ॥
भारत सीमा पर खड़े ,तन कर वीर जवान ।
आँच न आए देश पे ,हो जायें कुरबान ॥
हमारी जन्म भूमि की ,माटी है अनमोल ।
लगाएँ माटी से तिलक नाही इसका मोल ॥
पावन सबसे भूमि ये, झुका रहे हैं शीश l
रक्षा सदा इसकी करें, प्रभु देना आशीष ll
सार्थक सृजन
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