Thursday, 13 September 2012

गुनगुना रहीं है हवाएं मुस्करा उठी फिजायें 
बदलती  रुत में महकने लगी  मेरी तन्हाई 
तेरी खुशबू बसी है मेरी यादों में मेरे ख़्वाबों में 
बस कुछ ही पल इंतज़ार के बाकी है आने में 

6 comments:

  1. शुभ प्रभात
    सुन्दर कविता
    मेरे बागीचे में आपका स्वागत है
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.com/
    http://yashoda4.blogspot.in/
    http://4yashoda.blogspot.in/
    http://yashoda04.blogspot.in/
    इन्तजार करूँगी
    सादर
    यशोदा

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  2. गणेश चतुर्थी की शुभकामनायें...... बप्पा की नमन

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    1. चैतन्य जी आपको भी गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं ,धन्यवाद

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  3. वाह माँ क्या बात है बहुत खूब बेहतरीन रचना, गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएं

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    1. अरुण बेटा बहुत अच्छा लगा अपनी साईट पर तुम्हारा कमेन्ट देख कर , गणेश चतुर्थी पर मेरी हार्दिक शुभ कामनाएं

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