कैसी मैंने किस्मत है पाई
मेरी वफा तुझे रास न आई
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सिवाय दर्द के मिला कुछ नहीं
तू तो बालम निकला हरजाई.
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तूने बेदर्दी प्यार न जाना
फ़ितरत तेरी मैं न समझ पाई
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काश न मिलते मुझे जिंदगी में
दिल लगा कर सजन मैं पछताई
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जाओ तुमको माफ किया मैंने
किस मोड़ पर जिंदगी ले आई
रेखा जोशी
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