विधा --छंदमुक्त
आईना जो कहे
वह सदा सच नहीं होता
है दिखलाता वही तुम्हें
जो देखना चाहते हो तुम
छुपा कर सच
है झूठ बोलता वोह
धुंधला गया है वोह शायद
गर देखना चाहते हो सच को
है देखना तुम्हें
साफ साफ अक्स अपना
तो पोंछ लो अच्छे से उसे
और अपने मन को भी
तब आईना सच बतायेगा
क्योंकि वह कभी झूठ नहीं बोलता
रेखा जोशी
सुन्दर
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय
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Deleteसुन्दर रचना
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Deleteसुन्दर पंक्तियाँ
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय
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