सुख का मोल बहुत जीवन में
खिला मुख पर यह मनहर हास
व्यथा का है पीछे इतिहास
होगा हाय लुप्त यह क्षण में
सुख का मोल बहुत जीवन में
बिना चाहे आता मधुमास
बिना पूछे जाता मधुमास
जाता छोड़ चुभन सी मन में
सुख का मोल बहुत जीवन में
हृदय में हो खंडहर वीरान
भवन जिन पर करते निर्माण
कितने ढीठ प्राण यह तन में
सुख का मोल बहुत जीवन में
सुख का मोल बहुत जीवन में
महेन्द्र जोशी
खिला मुख पर यह मनहर हास
व्यथा का है पीछे इतिहास
होगा हाय लुप्त यह क्षण में
सुख का मोल बहुत जीवन में
बिना चाहे आता मधुमास
बिना पूछे जाता मधुमास
जाता छोड़ चुभन सी मन में
सुख का मोल बहुत जीवन में
हृदय में हो खंडहर वीरान
भवन जिन पर करते निर्माण
कितने ढीठ प्राण यह तन में
सुख का मोल बहुत जीवन में
सुख का मोल बहुत जीवन में
महेन्द्र जोशी
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