Wednesday, 10 April 2019

इक दूजे से आज आओ साथी बातें करें


इक दूजे से आज
आओ साथी बातें करें

करें बात नेह प्यार की
पोथी पढ़ि पढ़ि तो जग मुआ
पंडित भया न कोय
ढाई आखर प्रेम के
पढ़े सो पंडित होए
प्रेम ही  है जीवन
प्रेम ही है इक दूजे का सहारा
आओ प्रिय प्रेम से मिलें गले

इक दूजे से आज
आओ साथी बातें करें

मधुर पल ये जाए न बीत
थाम लें इक दूजे का हाथ
दो दिन का है खेल सारा
प्यारा यह जीवन हमारा
चाहे कितने भी गम  मिलें
सुख दुख बांटे दिल खोल के

इक दूजे से आज
आओ साथी बातें करें

रेखा जोशी

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