इक दूजे से आज
आओ साथी बातें करें
करें बात नेह प्यार की
पोथी पढ़ि पढ़ि तो जग मुआ
पंडित भया न कोय
ढाई आखर प्रेम के
पढ़े सो पंडित होए
प्रेम ही है जीवन
प्रेम ही है इक दूजे का सहारा
आओ प्रिय प्रेम से मिलें गले
इक दूजे से आज
आओ साथी बातें करें
मधुर पल ये जाए न बीत
थाम लें इक दूजे का हाथ
दो दिन का है खेल सारा
प्यारा यह जीवन हमारा
चाहे कितने भी गम मिलें
सुख दुख बांटे दिल खोल के
इक दूजे से आज
आओ साथी बातें करें
रेखा जोशी
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