Wednesday, 30 June 2021

जिंदगी कुछ सवाल हैं तुझसे

जिंदगी तुमसे कोई शिकायत तो नहीं

लेकिन कुछ सवाल हैं तुझसे

ऐसी क्या ख़ता हुई जो

सारे जहां का दर्द दिया मुझे

गैरों से क्या गिला शिकवा

अपनों से ही मिला धोखा हमें

हमने तो बिछाये थे राहों पर फूल

फिर कांटों का सिला क्यों मिला हमें

जिनको समझा था अपना हमने 

था प्यार किया  कभी हमने

निकले फरेबी अपने ही 

सिवा आसुओं के कुछ न मिला 

न समझा किसे ने भी हमें

किससे करें शिकायत

कैसे जियें जीवन यह हम 

कोई भी  तो नहीं हमारा इस जहां में

कोई भी  तो नहीं हमारा इस जहां में

रेखा जोशी

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