Friday, 3 April 2020

मुक्तक

नहीं देखे करोंना कोई जाति पाती 
बात यह लोगों को क्यों समझ नहीं आती 
थूक रहे उन पर जो देते जीवन दान 
कब सुधरेंगे लोग कहते जिन्हें जमाती 

रेखा जोशी 



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