देख भयानक रूप आज
आहटे मौत की
आ रही हैं हर ओर से
बिछुड़े कितने ही
अपनों से आज अपने
मुस्कराते चेहरे
खामोश लिपटे सफेद किट में
सो गए सदा सदा के लिए
हे भगवन ये क्या हो रहा है
हर शख्स परेशान हो रहा है
दया करो प्रभु, दया करो प्रभु
बस अब और नहीं और नहीं
बंद कर दो अपना ये खेल
माफ कर दो हमारी हर भूल
खुशियां भर दो झोली में सबकी
फिर से जीवन में उल्लास भर दो
रेखा जोशी
प्रार्थना कबूल हो । सुंदर भाव
ReplyDeleteशुक्रिया आपका
Deleteदया करो प्रभु
ReplyDeleteशुक्रिया आपका
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