गीतिका
रूठ न हमसे प्रियतम ,आज यह क्या किया
हां सच यह प्रीत सजन ,तोड़ दिल क्यों दिया
आज खिल उठा मधुबन मौसम तड़पा रहा
गीत मधुर गा कर मन,झूम खिल उठा हिया
बादल अँगना घिर जल ,आकर बरसा रहा
साजन मनभावन पिया, लागे न सजना जिया
शाम सुबह गीत मधुर, कोयल अब गा रही
आज महकता उपवन ,फूल खिल गए पिया
हार हम गए साजन, जीत तुम पिया गए
छोड़ कर चले प्रियतम, आज तुम हमें पिया
रेखा जोशी
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