आधार छंद- राधेश्यामी छंद
32 मात्रा, 16 16 मात्रा पर यति,
समान्त- ,आरी
पदान्त है
तोता मैना तो बहुत सुने ,अब तेरी मेरी बारी है
हम संग संग रहेंगे सदा ,यह तो कहानी हमारी है
..
जियेंगे संग संग मरेंगे ,साथ हम तुम दोनों रहेंगे
अब तो कदमों तले हमारे, साजन दुनिया यह सारी है
,
राहें जुदा हो ना हमारी, चलते रहें हमसफर यूँही
सूरज की तपिश हो कहीं या, छाई कहीं घटा कारी है
,
मिलकर संग चलेंगे दोनों,कदम से कदम मिलाकर सदा
बहका बहका मौसम प्यारा ,कुहुके कोयल हर डारी है
,
गुंजित भँवरे कली मुस्काए, है उपवन उपवन फूल खिले
प्यार का हमें उपहार मिला, महकने लगी फुलवारी है
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment