Sunday, 16 April 2023

गीत



गीत 

आधार छंद  भुजंगप्रयात

122 122 122 122

कहानी हमारी रही अनकही  है 
किसी को हमारी खबर ही नहीं है 

अधूरे रहे आज सपने हमारे 
चले संग अपने गगन चांद तारे 
मगर घर यहां चाँदनी भी नहीं है 
किसी को हमारी खबर ही नहीं है 

खुशी थी बहुत जिंदगी साथ पा कर 
डुबाया हमें आज मझधार ला कर 
किनारे लगी आज नैया नहीं  है 
किसी को हमारी खबर ही नहीं है 

कहानी हमारी रही अनकही है 
किसी को हमारी खबर ही नहीं है 

रेखा जोशी 














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