Tuesday 29 September 2015

महक रहा पुष्पित उपवन फूलों की डालियों से

कुहकती कोयलिया गीत मधुर वह गाती जाये
शीतल  पवन  गोरी  की  चुनरी लहराती  जाये
महक रहा पुष्पित उपवन फूलों की डालियों से
मिलने  असीम  सागर से नदी  बलखाती जाये

रेखा जोशी 

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