Thursday 17 September 2015

फलता पुण्य ही अंत में


क्यों तुम यहाँ करते पाप
पाप  पुण्य  छोड़ते   छाप
फलता  पुण्य  ही अंत  में
फल  पाप का भरते आप

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment