Sunday, 8 September 2019

इस मोड़ से जाते हैं

इस मोड़ से जाते हैं

अभिनंदन कर रहा सामने

रंगीला इंद्रधनुष

अभिवादन कर रहे हैं

नीले अम्बर पर सफेद बादल

बरस चुकी बरखा रानी

धुल गया है मैल सारा

चहचहाने लगी बुलबुल मन की

..

इस मोड़ से जाते हैं

झुक गया जहां सतरंगी आसमाँ

अंगना मेरे

लहराने लगा आंचल मेरा

शीतल हवा के झोंकों से

चली प्रीत की ऐसी लहर

डूब गया जहां तन मन मेरा

आते ही इस मोड़ पर

रेखा जोशी

No comments:

Post a Comment