इस मोड़ से जाते हैं
अभिनंदन कर रहा सामने
रंगीला इंद्रधनुष
अभिवादन कर रहे हैं
नीले अम्बर पर सफेद बादल
बरस चुकी बरखा रानी
धुल गया है मैल सारा
चहचहाने लगी बुलबुल मन की
..
इस मोड़ से जाते हैं
झुक गया जहां सतरंगी आसमाँ
अंगना मेरे
लहराने लगा आंचल मेरा
शीतल हवा के झोंकों से
चली प्रीत की ऐसी लहर
डूब गया जहां तन मन मेरा
आते ही इस मोड़ पर
रेखा जोशी
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