Wednesday, 18 March 2020

खुशी के दो चार पल

कितने सुहावने 
होते हैं खुशी के दो चार पल
महक उठता है जीवन का हर पल
इन्हीं दो चार पलों में 
मिलता है 
जब अपनों का साथ 
खिल उठता है 
तन मन अपना देख उनके  
लबों पर खिली खिली सी मुस्कान 
आओ करें कुछ 
ऐसा काम 
गम  के मारे लोगों को 
दे सकें थोड़ी सी खुशी 
लाएँ उनके 
होंठो पर भी  
इक प्यारी सी मुस्कान 

रेखा जोशी 



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