चाहत हो मेरी कहना था
दिल में मेरे वह रहता था
,
मेरी गलियों में आ जाना
रस्ता वह तेरे घर का था
,
कोई पूछे टूटे दिल से
किस की खातिर दिल रोया था
,
बहते थे आँखों से आँसू
तड़पा के ज़ालिम हँसता था
,
खुश हूँ जीवन में तुम आये
बिन तेरे सब कुछ सूना था
,
तन्हा तन्हा बीता हर पल
जीवन सूना ही गुज़रा था
,
तेरी सूरत लगती प्यारी
पर दिल तेरा तो काला था
,
ग़ैरों को अपना कर तुमने
क्यों तोड़ा अपना वादा था
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment