Wednesday, 16 May 2018

यह गली प्यार की

सज गई सजना
अभिवादन तेरा करने के लिए
यह गली प्यार की

पीले सुनहरी
अमलतास के फूलो से सजा
मनमोहक गलियारा
कर रहा इंतज़ार तेरे आने का
बेचैन है राहें यहाँ चूमने को
कदम तेरे
महक रही हैंयहाँ फिज़ाएँ
तेरे अभिनंदन के लिए
बुला रही तुम्हें सजना
यह गली प्यार की

गीत मधुर गा रहे
पवन के नर्म झोंकों से
लहराते शाखाओं पर झूलते
अमलतास के पीले पीले फूल
बेताब हो रही
सुनने को रूनझुन
तेरी  पायल की
यह गली प्यार की

न जाने कब ख़त्म होंगी
घड़ियां इंतज़ार की
पुकारती जा रही तुम्हें
यह गली प्यार की

रेख जोशी

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