Saturday 26 May 2018

दोहे

दोहे

सजना को पाती लिखूँ,भर नैनों में नीर
पगला मोरा मन भया, जियरा हुआ अधीर
...
घर आये मोरे पिया, हुई धूप में छाँव
माथे पे टीका सजे, पायल छनके पाँव

रेखा जोशी 

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